सोते समय मुंह से लार गिरना एक सामान्य समस्या लग सकती है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह समस्या कभी-कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है? आइए जानते हैं इसके कारण, इससे जुड़ी बीमारियां और इससे बचने के उपाय।
लार गिरने के कारण
सोते समय लार गिरने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर हो सकते हैं:
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नींद में मांसपेशियों का ढीला होना
गहरी नींद में शरीर की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, जिससे मुंह स्वाभाविक रूप से खुल जाता है और लार गिरने लगती है। यह सामान्य समस्या होती है और चिंता का कारण नहीं है। -
नाक से सांस लेने में परेशानी
जब नाक से सांस लेने में कठिनाई होती है, तो लोग मुंह से सांस लेने लगते हैं, जिससे लार गिरने का खतरा बढ़ सकता है। अगर यह समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। -
दवाओं का प्रभाव
कुछ दवाएं, जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स या एंटीसाइकोटिक्स, लार के प्रवाह को प्रभावित करती हैं। इससे मुंह में अधिक लार बन सकती है, जो सोते समय गिरने लगती है। -
गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
कभी-कभी सोते समय लार गिरना पार्किंसंस जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का संकेत हो सकता है। इन समस्याओं में मस्तिष्क और नसों से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, जिससे लार का नियंत्रण खो जाता है।
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क्या करें?
यदि आप नियमित रूप से सोते समय मुंह से लार गिरते हुए महसूस करते हैं, तो कुछ उपायों से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है:
- नाक से सांस लें: सोते समय नाक से सांस लेने की कोशिश करें। यदि नाक से सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- सही सोने की स्थिति अपनाएं: सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा रखने की कोशिश करें, ताकि मुंह खुला न रहे और लार गिरने की समस्या कम हो।
- चिकित्सकीय सलाह लें: अगर लार गिरने के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे मांसपेशियों में ऐंठन या मस्तिष्क संबंधित समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
सोते समय मुंह से लार गिरना आमतौर पर कोई बड़ी समस्या नहीं होती, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है या इससे जुड़ी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में उचित इलाज करवाना आवश्यक है।